तेरे आगे रोयें अब इतने भी बेगैरत नहीं हैं हम। खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए, दुसरों की शिनाख्त में तो हर शख्स माहिर होता है। तुमसे
तेरे आगे रोयें अब इतने भी बेगैरत नहीं हैं हम। खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए, दुसरों की शिनाख्त में तो हर शख्स माहिर होता है। तुमसे